फिर पाकिस्तान से बातचीत ????
सुन रहा हूँ भारत और पाकिस्तान फिर वातचीत करेंगे। मुंबई तुम्हारे घाव भरे की नहीं ???????? मुंबई ताज हमले के दोषियों को पकड़ने और दण्डित करने पर सरे आम सहयोग न करने और ठेंगा दिखने वालों को फिर बिसलरी और लखनवी बिरयानी खिलने की तयारी हो रही है। मेनन साहब शांतिदूत का रोल हथियाने की आपा धापी में हैं। खद्दर धारियों को आखिर कब अक्कल आयेगी। कुछ स्वाभिमान है तुम लोगोमे या सब धो डाला ????
३ बड़े युद्ध, और न जाने कितने छद्म युद्ध, लाखो शहीद, पर हमारे नेता लोग वार्ता करने से न थके । लाल बहादुर जी ने बात की थी, नतीजा ???? इंदिरा जी ने बात की थी, नतीजा ????? अटल जी ने बात की थी, नतीजा ??????? शायद हम पाकिस्तान की नस्ल पाचन नहीं प् रहे है या फिर अपने शहीदों के खून की गरिमा और सम्मान को भुला चुके है। पिछले एक साल से सरे सम्बन्ध समाप्त है तो कोई वारदात नहीं हो रही है । बातचीत का जिक्र छिड़ा तो पुणे बम ब्लास्ट हो गया। मेनन साहब अपने पूर्व विदेशमंत्री श्री कृष्ण मेनन को भूल गए क्या ????? चीन हमले की तयारी कर रहा था और वे हिंदी चीनी भाई भाई के स्लोगन लिख रहे थे। मेरे दोस्त जितना लूटना खसोटना है लूटो, हम गरीबो के खून पसीने की कमाई पर गुलछर्रे उडाओ लेकिन अपने महत्वाकंछओं के लिए मेरे मातृभूमि के साथ खिलवाड़ मत करो। नहीं चाहिए पाकिस्तान की दोस्ती हमारे लिए सील बोर्डर ही अच्छा है।
३ बड़े युद्ध, और न जाने कितने छद्म युद्ध, लाखो शहीद, पर हमारे नेता लोग वार्ता करने से न थके । लाल बहादुर जी ने बात की थी, नतीजा ???? इंदिरा जी ने बात की थी, नतीजा ????? अटल जी ने बात की थी, नतीजा ??????? शायद हम पाकिस्तान की नस्ल पाचन नहीं प् रहे है या फिर अपने शहीदों के खून की गरिमा और सम्मान को भुला चुके है। पिछले एक साल से सरे सम्बन्ध समाप्त है तो कोई वारदात नहीं हो रही है । बातचीत का जिक्र छिड़ा तो पुणे बम ब्लास्ट हो गया। मेनन साहब अपने पूर्व विदेशमंत्री श्री कृष्ण मेनन को भूल गए क्या ????? चीन हमले की तयारी कर रहा था और वे हिंदी चीनी भाई भाई के स्लोगन लिख रहे थे। मेरे दोस्त जितना लूटना खसोटना है लूटो, हम गरीबो के खून पसीने की कमाई पर गुलछर्रे उडाओ लेकिन अपने महत्वाकंछओं के लिए मेरे मातृभूमि के साथ खिलवाड़ मत करो। नहीं चाहिए पाकिस्तान की दोस्ती हमारे लिए सील बोर्डर ही अच्छा है।
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आपके विचारों का स्वागत है.....विल्कुल उसी रूप में कहें जो आप ने सोंचा बिना किसी लाग लपेट के. टिप्पणी के लिए बहुत आभार.