क्या कांग्रेस भ्रष्टआचार खत्म करने के लिए संकल्पित है???
शायद यह सबसे बड़ा प्रश्न है जिसका उत्तर देना कोई कंग्रेस्सी नहीं चाहता. भारतीय इतिहास के सबसे कमजोर और निकम्मे प्रधान मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह जे भारत और उसकी जनता के लिए कांग्रेस द्वारा थोपी गयी विडम्बना रहे है. अगर मनमोहन सर्कार भ्रस्ताचार के मुद्दे और काले धन के मुद्दे पर इतनी ही संकल्प बद्ध है तो योग ऋषी बाबा राम देव जी का विरोध क्यों??उन्होंने तो अपने किसी भी आयोजन में भ. ज. प्. का नाम तक नहीं लिया है. उनका एक मात्र विरोध बड़ते भ्रष्टाचार और काले धन की वापसी को लेकर है. पर इस पर कांग्रेस को मिर्च क्यों कर लग रही है?? शायद इसी लिए क्योंकि वे सारे कालाबाजारी या तो कंग्रेस्सी है या फिर कांग्रेस की च्च्त्रछाया में है. मनमोहन जी को अगर प्रधानमंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद मिला तो यह देश का सौभाग्य नहीं बल्कि उनका सौभाग्य था की देश ने उनको चुना. किन्तु यह घोर विडम्बना थी जिसकी मार हम लम्बे अरसे तक झेलें गे. बहुत निस्तेज और कबूतरी चेहरे वाले मनमोहन सिंह जी को देख कर मन में घोर अवसाद पैदा होता है... आखिर सरवोछ पद पर आसीन यह व्यक्ति देश को किस दिशा में ले जा रहा है?? इतिह...