मोदी विकल्प हैं या आशा की किरण ?
प्रश्न बड़ा है. आज के माहौल में मोदी जी बढ़ती लोकप्रियता और सर्वमान्यता खास करके आज के माहौल में सबसे ज्यादा निराश नजर आने वाले युवावों के बीच उनकी लोक प्रियता काँग्रेस के लिए चिंता का सबब है. कुछ लोग मोदी को आज के माहौल में एक विकल्प बताकर उनको थोडा कमतर करने की कोशिस करते है. हालाँकि यह भी दृष्टव्य है की मोदी लगातार मीडिया और तथा कथित बुद्धिजीवियो के जबरदस्त आलोचना के शिकार पिछले बारह सालों से है.
गुजरात उनके द्वारा किया गया जबरदस्त कम और उनकी एक दमदार प्रशासक वाली छबि उनको आज के माहौल में आशा की एक किरण बनाती है. न की एक विकल्प. मोदी ने बातें नहीं की है. और शायद वे करते तो कोई सुनता भी नहे क्योंकि माहौल हमेश उनके लिए पूर्वाग्रही रहा है. उन्होंने कम करके उदहारण प्रस्तुत किये है. और इसकी मिसाल सिर्फ सरकारी डाटा नहीं है बल्कि हर गुजरात यात्री का अपना अनुभव है. मई स्वयं मोदी जी के गुजरात में तीन साल रहा और उनके कम का कायल हूँ। उन्होंने सिर्फ बातें या वादे नहीं किये बल्कि गुजरात की जनता को यह महसूस करवाया की कुशल प्रशासन क्या होता है.
आज के निराशा भरे माहौल में निश्चय मोदी जी आशा की किरण है. वे प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं और प्रधानमंत्री के रूप में इतने ही लोकप्रिय रहेंगे की नहीं फिलहाल यह तो समय के गर्भ में है. पर यह सच है की देश आज मोदी में अपना भविष्य देख रहा है.
गुजरात उनके द्वारा किया गया जबरदस्त कम और उनकी एक दमदार प्रशासक वाली छबि उनको आज के माहौल में आशा की एक किरण बनाती है. न की एक विकल्प. मोदी ने बातें नहीं की है. और शायद वे करते तो कोई सुनता भी नहे क्योंकि माहौल हमेश उनके लिए पूर्वाग्रही रहा है. उन्होंने कम करके उदहारण प्रस्तुत किये है. और इसकी मिसाल सिर्फ सरकारी डाटा नहीं है बल्कि हर गुजरात यात्री का अपना अनुभव है. मई स्वयं मोदी जी के गुजरात में तीन साल रहा और उनके कम का कायल हूँ। उन्होंने सिर्फ बातें या वादे नहीं किये बल्कि गुजरात की जनता को यह महसूस करवाया की कुशल प्रशासन क्या होता है.
आज के निराशा भरे माहौल में निश्चय मोदी जी आशा की किरण है. वे प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं और प्रधानमंत्री के रूप में इतने ही लोकप्रिय रहेंगे की नहीं फिलहाल यह तो समय के गर्भ में है. पर यह सच है की देश आज मोदी में अपना भविष्य देख रहा है.
आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज ( २३ जून, २०१३, रविवार ) के ब्लॉग बुलेटिन - छह नीतियां पर स्थान दिया है | बहुत बहुत बधाई |
ReplyDeleteउत्क्रुस्त , भावपूर्ण एवं सार्थक अभिव्यक्ति .
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें .
आशा की किरण
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