नेतृत्व का अकाल ??

क्या भारत इस समय नेतृत्व का  अकाल झेल रहा है ? क्या कोई शसक्त और सछम व्यक्ति आपको सम्पूर्ण राजनैतिक परिवेश में नजर आ रहा है ? जो भारत को आने वाले वर्षों में दशा और दिशा दे पायेगा ? यह प्रश्न आज की परिस्थितियों में भारत के सामने यक्ष प्रश्न है. आज  हम भारत के राजनितिक पटल पर देखते हैं तो निराशा और धुंध की मिलीजुली तस्वीर दिखती है. कौन सी समस्या है जो इस समय भारत के सामने इस समय न हो? देश की सीमाओं की सुरक्षा की समस्या, गृह सुरक्षा, नक्सल वाद, आतंक वाद आर्थिक बदहाली और लगातार बढती महंगाई तो लगातार चर्चा  में रहने वाले मुद्दे है।

                     ये प्रश्न ज्यादा गंभीर है। रोजी रोटी की समस्या से भी ज्यादा. क्योंकि हर समस्या जिससे देश जूझ रहा है वो सब जाकर नेतृत्व की कसौटी है। क्या मुलायम में आपको भविष्य का प्रधान मंत्री दीखता है? मायावती, राहुल गांधी, चिदंबरम या फिर और न जाने कितने नाम काया कोई भी आपके मन में बिस्वास जागते है की ये देश के समक्ष खड़ी समस्यायों का समाधान दे ? 

                                                             या फिर मनमोहन सिंह को ये क और अवसर देंगे ? सोंचिये ........................

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