भगवा आतंकवाद !!

राहुल गाँधी और कांग्रेस  ने इस शब्द को दुनिया के शब्द कोष में बखूबी जोड़ दिया है और इस धर्मनिरपेक्ष और अति देश प्रेमी (?) आचरण के लिए बधाई के पात्र है.
शायद हम दुनिया के अकेले धर्मानुयायी है जिनका धर्म ऐसे अपशब्दों  का भी स्वागत करता है. आखिर इस शब्द के पीछे मकसद क्या है?? क्या वाकई भारत के सामने एसी कोई  समस्या है?? क्या सचमुच कोई हिन्दू आतंकवादी है?? शायद राहुल के पास इस बात के पुख्ता प्रमाण हो?? जिन कुछ घटनाओं के परिप्रक्ष में इस शब्द का जन्म हुआ है क्या अभी तक (कांग्रेस की सर्कार रहते) कोई हिन्दू दोषी पाया गया है ??? और क्या अपराधी आतंकवादी का कोई धर्म  होता है???इसका जबाब न तो कांग्रेस के पास है न ही राहुल के पास???

इसमें दोष राहुल का नही है जो आदमी अपनी शिक्षा बहार विदेश से लेकर आया हो और भारत में शायद ही कभी रहा हो वह हिन्दू धर्म और भारत की आत्मा को कैसे समझ सकता है??? 
जर्मनी में अपने प्रवास के दौरान स्वामी विवेकानंद जी ने किसी सेमिनार में कहा था "भारतीय लोग राजनीतिक रूप से उतने जागरूक नही है जितने धार्मिक रूपसे" शायद राहुल को यह बात मालूम नही है. जिस बात का कांग्रेस फायदा लेने की शोंच रही है कहीं वही बात उसका सफाया न करदे ???

शर्मनाक है की एसी वोछी बातें धर्मनिष्ठ "बापू" के तथाकथित अनुयायी और वारिस बोल रहे है.

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