"हर दिन की रौशनी सभी सात रंगों को अपने में समेटे रहती है। न कभी एक कम न कभी एक ज्यादा। जरूरत बस प्रिज्म को सही दिशा में सैट करने की है। अच्छाई-बुराई , लाभ - हानि, सुख-दुःख, गुण-अवगुण सब इस दुनिया में उपलब्ध है , निर्भर करता है की आपकी रूचि किसमे है। आपका सन्दर्भ क्या है और आपकी स्वाभाविक वृत्ति क्या ही आपका जीवन के प्रति नजरिया क्या है । "

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