संघ से भयभीत टीम अन्ना ?
कभी अन्ना कहते है की वे संघ के किसी पदाधिकारी का नाम तक नहीं जानते, और संघ का कोई कार्य करता उनके आन्दोलन में शामिल नहीं था. कभी कश्मीर मुद्दे पर तमाचा खा चुके प्रशांत कहते है की संघ उन्हें समर्थन दे इस्ससे उन्हें परहेज है.....और फिर कहते है की परहेज नहीं है... प्रश्न यह है की अन्ना का आन्दोलन राष्ट्रीय है या वैक्तिक? क्या संघी विचारधारा के लोग भारतीय नागरिक नहीं है? और यदि अन्ना राष्ट्रीय आन्दोलन चला रहे है तो कौन संघी है कौन बजरंगी है, कौन भाजपाई कौन कांग्रेसी?? कोई भी व्यक्ति पहले भारतीये है, पहले राष्ट्र का है बाद में किसी पार्टी या बिचारधरा का. और इस हिसाब से संघ या किसी अन्य संघटन के कार्य करता का पूरा अधिकार है की वे किसी भी राष्ट्रीय मुद्दे के आन्दोलन में भाग लें और कार्य करें. यदि अन्ना या उनकी टीम ये समझती है की संघ से अपरिचय दिखा कर वे किसे उजले कुरते वाली जमात में बने रहेंगे तो वे भयानक भूल की तरफ है....और निश्चय ही आत्म प्रवंचन और भटकाव की तरफ बढ़ रहे है..... राष्ट्रीय आन्दोलन कभी भी जाती सम्प्रदाए या वैक्तिक वैचारिक सीमावो से बांध कर नह...