Posts

Showing posts from 2010
Image
ईसवी सन २०११ की हार्दिक शुभ कामनाएं !!!

Swami Vivekananda's life through pictures

Image

Swami Vivekananda Chicago Speech - Why we disagree

Image

Swami Vivekananda Speech at Chicago - Welcome Address

Image

Swami Vivekananda's Address to the World Parliament of Religions September 1893

Sisters and Brothers of America, It fills my heart with joy unspeakable to rise in response to the warm and cordial welcome which you have given us. I thank you in the name of the most ancient order of monks in the world; I thank you in the name of the mother of religions, and I thank you in the name of millions and millions of Hindu people of all classes and sects. My thanks, also, to some of the speakers on this platform who, referring to the delegates from the Orient, have told you that these men from far-off nations may well claim the honor of bearing to different lands the idea of toleration. I am proud to belong to a religion which has taught the world both tolerance and universal acceptance. We believe not only in universal toleration, but we accept all religions as true. I am proud to belong to a nation which has sheltered the persecuted and the refugees of all religions and all nations of the earth. I am proud to tell you that we have gathered in our bosom the purest remnant o

भगवा आतंकवाद !!

राहुल गाँधी और कांग्रेस  ने इस शब्द को दुनिया के शब्द कोष में बखूबी जोड़ दिया है और इस धर्मनिरपेक्ष और अति देश प्रेमी (?) आचरण के लिए बधाई के पात्र है. शायद हम दुनिया के अकेले धर्मानुयायी है जिनका धर्म ऐसे अपशब्दों  का भी स्वागत करता है. आखिर इस शब्द के पीछे मकसद क्या है?? क्या वाकई भारत के सामने एसी कोई  समस्या है?? क्या सचमुच कोई हिन्दू आतंकवादी है?? शायद राहुल के पास इस बात के पुख्ता प्रमाण हो?? जिन कुछ घटनाओं के परिप्रक्ष में इस शब्द का जन्म हुआ है क्या अभी तक (कांग्रेस की सर्कार रहते) कोई हिन्दू दोषी पाया गया है ??? और क्या अपराधी आतंकवादी का कोई धर्म  होता है???इसका जबाब न तो कांग्रेस के पास है न ही राहुल के पास??? इसमें दोष राहुल का नही है जो आदमी अपनी शिक्षा बहार विदेश से लेकर आया हो और भारत में शायद ही कभी रहा हो वह हिन्दू धर्म और भारत की आत्मा को कैसे समझ सकता है???  जर्मनी में अपने प्रवास के दौरान स्वामी विवेकानंद जी ने किसी सेमिनार में कहा था "भारतीय लोग राजनीतिक रूप से उतने जागरूक नही है जितने धार्मिक रूपसे" शायद राहुल को यह बात मालूम नही है. जिस बात का कांग्रे

टेक्नोलोजी

टेक्नोलोजी ने हमें कितना बदल दिया है ??? एक दिन discovary  चैनेल पर भोजन पर आधारित एक कार्यक्रम देख रहा था तो सूत्रधार की एक लाइन मन में बस गयी "हम खाने को जितना बदलते जायेंगे खाना भी हमें उतना ही बदलता जायेगा" सचमुच कितना सच है. हम जीवन में जितने आराम तलब और प्रोसेस फ़ूड खाने वाले होते जा रहे है हमारी शरीरिक संरचना भी उतनी ही बदलती जा रही है. मै सोंचता हूँ की यही बात टेक्नोलोजी के सन्दर्भ में भी कही जा सकती है.  टेक्नोलोजी के अनंत आविष्कारों ने हमारी जीवन की दशा और दिशा दोनों बदल कर रख दी है. एक उदहारण अगर हम फ़ोन का लेलें तो इसके अविष्कार और विकास के साथ पत्रों और डाकिया का कम समाप्य प्राय हो गया है . उंगुलियो की स्पीड पर लोगों से जुड़ जाना और बात करलेना कितना सरल और परिचित हो गया है. पर अगर हम सोंचे तो क्या वाकई में मोबाइल फ़ोन चिठियों का स्थान पर उनके भावात्मक विकल्प बन पाए  है....?????? इस बात का दर्द और मतलब शायद नयी पीड़ी न समझे, पर वे लोग जरूर जानते है जिन्होंने अपनों से दूर रह कर उनको चिठ्ठी लिखी है. या फिर इस बात का महत्व उस औरत से पूंछो जिसने हर अपने प्रीतम के

ओ मन बावरे !!

कई बार ये बात मेरे मन में आती है,                                               और शायद आपके भी ?? की जीवन सचमुच क्या है?                                    और क्यों? बहुतेरों ने इस प्रश्न का उत्तर देना चाहा                                     पर सचमुच क्या किसी को है खबर? कई बार तो मै कहता हूँ                                की मन बावरे ये इतनी दुविधा क्यों? क्यों इतनी चिंता, इर्ष्या, द्वेष.                                         इतनी दुर्भावना क्यों ? शंसय बहुत प्रबल शत्रु है..                                और शायद मित्र भी ? जीवन की इतनी अनिश्चितता ?                                   और ये मिथ्या आडम्बर ?? ओ मन बावरे !! जरा ठहर !                                   साँस ले इस उठापठक और आप धापी से. दो पल बैठ और सोंच...                                 प्यार से जीने पर जीवन सरल है ? या नही ??                                                                          

दीपावली की हार्दिक बधाई !!!

Image
  आप सब को दीपावली की हार्दिक बधाई ! यह प्रकाश पर्व आप के मन को रोशन करे और वहां से अंधेरों को दूर करे !! 

आदर्श सोसाइटी ??

आदर्श सोसाइटी के नाम पर जो अनादर्श गढ़े गए हैं उस पर आम जनता एक बार और कराही है. एसा इसलिए क्योंकि हम भारत के लोग सदियों की गुलामी के बाद अपने स्वाभिमान और उज्जवल चरित्र के लहूलुहान शरीर  लेकर चल रहे है. जब भी कोई उसपर  एक वार करता है या फिर भ्रष्ट चारी पिशाचों के नाखून चुभते है तो एक हलकी कराह निकलती है और फिर ख़ामोशी छा जाती है.                                                          अपना बलिदान देकर देश की आन बान और शान रखने वाले महावीरों के नाम पर बनी आदर्श सोसाइटी में राजनेताओं तथा नौकरशाहों ने जो बन्दर बाँट की है क्या यह देश का एसा पहला मामला है ? न तो यह पहला एसा मामला है और न ही श्री अशोक चौहान एसे पहले व्यक्ति है.                                                              हमारा पूरा तंत्र ही इस पैशाचिक दलदल में फंस चुका है. आज हर आदमी तभी तक उज्जवल चरित्र और आदर्श बनता है जब तक की उसके पास बेईमानी का मौका न हो. अपना नंबर आते ही हर कोई रूप बदल लेता है. भ्रस्टाचार और खुले आम रिश्वतखोरी हमारे देश का बहुत ही कडवा सच है.                                                        

मुझको लौटा दो बचपन का सावन !!!

Image
बचपन भी क्या खूब है !                              शायद इश्वर का भी यही स्वरुप है ?                              छोटा पर विशाल हिर्दय,                                     सब पर स्नेह उड़ेलने को व्याकुल . न दोस्ती की परवाह                                      न दुश्मनी की समझ बचपन भी क्या खूब है!! न जीवन के झंझावातों का भय                                            उन्मुक्त मन, निर्विकार, निर्भय. उनकी एक मुस्कान,                                  छू कर देती है चिंता, थकान. न कोई तोल न मोल,                               क्या अनुरूप, क्या प्रतिरूप है. शायद ईश्वर का यही स्वरुप है ??

किस ओर को जाते हैं ????

भारत की इकोनोमी ९ % की रफ़्तार से भाग रही है . हम दुनिया में सबसे जवान देश है. हमारी सभ्यता हमारी विरासत सबसे पुराणी है . हम विस्वा गुरु होने का ख्वाब दुबारा सच करना चाहते है . हमारा धर्म हमारे संस्कार हमें मनुष्य में विभेद नहि सिखाते.                              किन्तु हाय ! गहरी निराशा,  गहन छोभ !  आज भी ३० % लोग मूलभूत अवस्यक्ताओं से नितांत वंचित है. कुपोषण और अशिछा जैसी बेहद शर्मनाक समस्याए आज भी हमारी चिंता का सबसे बड़ा मुद्दा है? मुझे कुछ दिनों महाराष्ट्र और गुजरात  (बताता चलूँ की यह भारत के अग्रणी राज्यों में से एक है) में भ्रमण का समय मिला है. इसी तरह मै हरयाणा के भी कुछ ग्रामीण इलाकों में भ्रमण कर चूका हूँ. पर इन globlization के सबसे बड़े भारतीय माडलों में स्थिति कोई खास उत्साह जनक नहि है. इन प्रदेशो में उपरोक्त समस्यायों के साथ साथ सांस्कृतिक छरण की नयी समस्या भी उत्पन्न हो गयी है. यह समस्या अचानक जमीन बेंचकर अमीर हुए लोगो में जादा है. अपराध और नशे की प्रवृत्तियां इन प्रदेशो में सबसे जादा बढ़ी है. महाराष्ट्र सबसे बड़ा शराबियो का अड्डा बन चूका है (शराब खपत में नंबर . एक)  आज भ

बिहार

बिहार में हर तरफ विकासवादी राजनीत का ही जलवा है . लालू प्रसाद यादव भी अब जातिवाद को तिलांजलि देकर विकासवाद को अपनी नव का सहारा बना रहो है. ये चुनाव वाकई में बिहार की दिशा निर्धारित करेंगे . बिहार को अपराध, बाहुबली, जाती, और भ्रस्ताचार का दलदल या विकास की साफ अबो हवा में से किसी यक को चुनना होगा.
ibahar ko caunaava [sa baar rajanaIitk paiT-yaaoM ka hI BaivaSya ina-Qaairt nahIM krnao vaalao hOM balik [sa caunaava pirNaama sao ibahar kI dSaa AaOr idSaa ka BaI fOsalaa haonao vaalaa hO. jaao BaI hao ikntu   ibahar kI rajanaIit koa svaC krnao ka jaao sarahnaIya kaya- inatISa jaI nao ikyaa hO ]sako ilayao vao p`SaMSaa ko pat` hOM. khIM naa khIM ibahar mao ivakasavaadI rajanaIit ka saohra   ]nako hI isar pr hO.

Interest and commitment !!!

Image


आज़ादी मुबारक हो !!

आप सब को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई !!!

"कर्मणेवाधिकारस्ते म फलेषुकदाचनम"

Image
"कर्मणेवाधिकारस्ते म फलेषुकदाचनम"

उद्यमेन ही सिध्यन्ति

Image
"उद्यमेन ही सिध्यन्ति कार्याणि नहि मनोरथे, नहि सुप्तस्य सिंघस्य प्रविशन्ति मुखे मृगः "
Image
"लोग उगते सूरज को सलाम करते है । अगर आप जीत रहे है , सफल है तो आपसे कोई सवाल नहीं करेगा । आप जो भी करेंगे मार्गदर्शन की तरह होगा। पर वाही कार्य अगर एक असफल आदमी करेगा तो उसकी उम्र केवल सफाई देने में बीत जाएगी।"
Image
"हर दिन की रौशनी सभी सात रंगों को अपने में समेटे रहती है। न कभी एक कम न कभी एक ज्यादा। जरूरत बस प्रिज्म को सही दिशा में सैट करने की है। अच्छाई-बुराई , लाभ - हानि, सुख-दुःख, गुण-अवगुण सब इस दुनिया में उपलब्ध है , निर्भर करता है की आपकी रूचि किसमे है। आपका सन्दर्भ क्या है और आपकी स्वाभाविक वृत्ति क्या ही आपका जीवन के प्रति नजरिया क्या है । "

क्षमा

Image
"छमा मांगना कभी आपके गलत होने या छोटेपन का परिचायक नहीं है । इसका बस साधारण सा मतलब है की आप अपने घमंड और बडबोलेपन से ज्यादा अपनी सौम्यता, विनम्रता, और सहज प्रेम को तरजीह देते है। इसका मतलब है की आप अपने रिश्ते को अपने लाभ हनी से ज्यादा महत्वा देते है।"

भूल मनुष्य का स्वाभाव है

Image
"गलतियाँ करो, रिस्क उठाओ और हर दिन नयी चीज सीखो यही जीवन है"

"मेरी फूल सी बच्ची"

Image

धन्यवाद गूगल !!!!!!

गूगल इंक का आभार !! उनके इस बेहतरीन कार्य हेतु जिसकी वजह से आज हम भारतीय लोग अपनी मात्र भाषा में इतनी सुबिधा पूर्वक कार्य कर रहे है और विचारो के बेरोकटोक आदान प्रदान हो रहे है। आज जब अंग्रेजी राज है, (अंग्रेजी भाषा) सामान्य जन भी हिंदी के नाम पर झेप महसूस करते है और अंग्रेजी न जानने पर शर्मिंदा और छुब्ध महसूस करते है, ऐसे समय में जब अंग्रेजी ही कंप्यूटर के लिए अनिवार्य सी हो, गूगल का यह कार्य न सिर्फ प्रसंस्निये है अपितु हम हिंदी वालो पर एक ऋण की तरह है। गूगल टीम आपके इस अति सराहनीय कार्य के लिए कोटि कोटि साधुबाद !!!!!

"भारत माता के विभिन्न स्वरुप"

Image
"स्वतंत्रता संग्राम "

फिर पाकिस्तान से बातचीत ????

सुन रहा हूँ भारत और पाकिस्तान फिर वातचीत करेंगे। मुंबई तुम्हारे घाव भरे की नहीं ???????? मुंबई ताज हमले के दोषियों को पकड़ने और दण्डित करने पर सरे आम सहयोग न करने और ठेंगा दिखने वालों को फिर बिसलरी और लखनवी बिरयानी खिलने की तयारी हो रही है। मेनन साहब शांतिदूत का रोल हथियाने की आपा धापी में हैं। खद्दर धारियों को आखिर कब अक्कल आयेगी। कुछ स्वाभिमान है तुम लोगोमे या सब धो डाला ???? ३ बड़े युद्ध, और न जाने कितने छद्म युद्ध, लाखो शहीद, पर हमारे नेता लोग वार्ता करने से न थके । लाल बहादुर जी ने बात की थी, नतीजा ???? इंदिरा जी ने बात की थी, नतीजा ????? अटल जी ने बात की थी, नतीजा ??????? शायद हम पाकिस्तान की नस्ल पाचन नहीं प् रहे है या फिर अपने शहीदों के खून की गरिमा और सम्मान को भुला चुके है। पिछले एक साल से सरे सम्बन्ध समाप्त है तो कोई वारदात नहीं हो रही है । बातचीत का जिक्र छिड़ा तो पुणे बम ब्लास्ट हो गया। मेनन साहब अपने पूर्व विदेशमंत्री श्री कृष्ण मेनन को भूल गए क्या ????? चीन हमले की तयारी कर रहा था और वे हिंदी चीनी भाई भाई के स्लोगन लिख रहे थे। मेरे दोस्त जितना लूटना खसोटना है लूटो, हम गरी

आशा और निराशा

Image
आशा ही जीवन है, और हताशा मृत्यु । हे सर्वशक्तिमान परमात्मा के अंशो अपने को पहचानो और निराशा के भंवर से बहार आओ । तुम्हारी सीमा सिर्फ तुम्ही निर्धारित कर सकते हो । "उत्तिष्ठति जाग्रत प्राप्यं बरान्निबोध्त "

शारुख का पाकिस्तान प्रेम !!!

शारुख खान के बयां पर शिव सेना का विलाप उचित है या नहीं, इस पर मई कोई नयी बहेस करना नहीं चाहता । किन्तु मिस्टर खान की पाकिस्तानी खिलाडियों के प्रति हमदर्दी भरा लहजा मुझे समझ में नहीं आया। सब जानते है की पाकिस्तान के साथ हमारे समबन्ध इस समय जो भी है वो क्यों है ??? और किसकी वजह से है ???? क्या पाकिस्तानी क्रिकेटर पाकिस्तानी शोच से परे है ??? क्या उनमे से किसी ने, और मै यहाँ तक कहना चाहूँगा की किसी रुतबा रखने वाले पाकिस्तानी ने कभी भारतीयओं के प्रति वही हमदर्दी और दोस्ती का बयां दिया है ??? यह पहला मोका नहीं है जब खान महोदय देश के ऊपर धार्मिक बंधुता को तरजीह दे रहे हैं। अगर आप को याद हो तो २० - २० विश्व कप हरने के बाद पाकिस्तानी कप्तान ने दुनिया भर के मुसलमानों से छमा मांगी थी, और दुसरे दिन एक बयान में मिस्टर खान उसके सफाई में बयां देते नजर आये थे । लन्दन में एक सार्वजानिक सभा के दौरान मिस्टर खान के उद्गार थे की हम भारतीय और पाकिस्तानी एक जैसे हैं और सामान सांस्कृतिक मूल्यों का साझा करते है । उसी समय बड़े विश्वास और गर्व से उन्होंने बताया की पाकिस्तान हमारा अच्छा पडोसी है ???? मेरा एक ही
Image

"ऊंचाई और हम"

Image
हम जितना ऊँचा उठते जाते हैं निचे वालों को हम उतना छोटे दीखते हैं।

"भारत माँ के लाल"

Image